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success story of Vineeta Singh |
यह विनीता सिंह की सफलता की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है, जिसने विफलता के डर को पार करके, अपनी कड़ी मेहनत और जुनून के साथ एक सफल व्यवसायी बनने की यात्रा तय की। 23 साल की उम्र में एक करोड़ की सैलरी छोड़कर, अपने बिजनेस को शुरू करने का साहसिक कदम उठाया, और कई कठिनाइयों के बावजूद आज एक 3000 करोड़ की कंपनी की मालिक है। यह यात्रा सिर्फ संघर्ष की नहीं, बल्कि आत्म-विश्वास, धैर्य और निरंतर प्रयास की भी है। यह (success story of Vineeta Singh) हमें यह सिखाती है कि सपनों को हासिल करने के लिए विफलताओं से न डरें, बल्कि उन्हें अपनी सफलता की दिशा में कदम रखने का अवसर मानें।
Success Story Of Vineeta Singh | विनीता सिंह की सफलता की कहानी
मेरे जीवन के शुरुआती दिनों में मुझे हमेशा कुछ नया ट्राई करने से डर लगता था। इसका कारण बहुत साधारण था – मैंने कभी विफलता का सामना नहीं किया था, और विफलता का विचार मुझे डराता था। मैं विफलता से बचने के लिए सब कुछ करता था और अपने फैसले इस डर के आधार पर लेता था। मेरा रास्ता हमेशा सावधानी से तैयार किया जाता था, जिसमें सफलता सुनिश्चित होती थी और किसी भी गलती की कोई जगह नहीं होती थी। लेकिन मैंने महसूस किया कि यह विफलता से बचने की दौड़ एक दिन खत्म होने वाली है।
23 साल की उम्र में मैंने एक बड़ा निर्णय लिया: मैंने अपनी हाई-पेइंग जॉब छोड़ दी और अपना खुद का बिजनेस शुरू करने का मन बनाया। 1 करोड़ प्रति वर्ष की सैलरी छोड़कर मैंने खुद को सिर्फ ₹10,000 प्रति माह पर सस्टेन किया। यह परिवर्तन आसान नहीं था। अपनी स्टार्टअप के लिए फंड जुटाने के लिए, मैंने और मेरे कोफाउंडर ने 10 से ज्यादा निवेशकों के पास जाकर अपना आइडिया पिच किया। उन्होंने मुझसे पूछा, "आपके पास ब्रांड बनाने का क्या अनुभव है? हम आपको ₹1 करोड़ क्यों दें?"
उन्होंने मुझे बहुत युवा और अनुभवहीन समझा, और ऐसा महसूस हुआ कि मैं एक सफल ब्रांड नहीं बना सकती। लेकिन मैंने हार नहीं मानी। यात्रा कठिन थी, लेकिन इसने मुझे एक महत्वपूर्ण पाठ सिखाया: बिजनेस करना मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन नहीं है। इसके लिए धैर्य, निरंतरता, और वर्षों की कड़ी मेहनत की जरूरत होती है।
बचपन से लेकर उद्यमिता बनने का सपना
मैं एक अकेली संतान थी और मेरे माता-पिता मेरे लिए बड़े प्रेरणा स्रोत थे। मेरे माता-पिता दोनों पीएचडी डाक्टर थे, और मेरे पिता का सपना था कि वह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण प्रोटीन खोजें, जिनसे कैंसर जैसी बीमारियों का इलाज संभव हो सके। मुझे बचपन से ही यह अहसास था कि जो भी मैं करूंगी, वह सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि दुनिया में सबसे अच्छा होना चाहिए।
मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा प्रेरित किया कि मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान दूं। गुजरात के छोटे से शहर आनंद में जन्मी, बाद में दिल्ली आने पर मेरा अनुभव काफी अलग था। दिल्ली में मेरे माता-पिता को अपॉर्चुनिटी मिली, और वह एम्स तथा आईसीएमआर में काम करने लगे। मैं दिल्ली में अकेली संतान थी, इसलिए मुझे दोस्तों बनाने में थोड़ा संघर्ष होता था। अक्सर, मैं अपने विचारों के साथ अकेले समय बिताती थी।
जॉब और बिजनेस दोनों के बीच का संघर्ष
मेरे लिए यह बेहद आसान था कि मैं आईआईटी और फिर आईआईएम अहमदाबाद जाऊं। मैंने इन संस्थानों का एंट्रेंस आसानी से क्रैक किया और फिर मैं आईआईटी में पढ़ाई करने लगी। मैं हमेशा वही खेल खेलती थी जिसमें मुझे विश्वास था कि मैं अव्वल आ सकती हूं, लेकिन नए अनुभव से डरती थी क्योंकि मुझे कभी भी फेल नहीं होना था। यह डर मुझे हमेशा अपने फैसलों में रुकावट डालता था।
मुझे बैंकिंग की जॉब ऑफर हुई, जिसमें मुझे 1 करोड़ की सैलरी मिलने वाली थी। यह नौकरी मेरे लिए एक बड़ी सफलता थी, लेकिन फिर मैंने महसूस किया कि मैं सिर्फ वही कर रही हूं जो सभी लोग करना चाहते हैं। यह मेरे खुद के सपनों की पहचान नहीं थी। मुझे अपनी असली पहचान और जुनून का एहसास हुआ कि मुझे वह काम करना चाहिए, जिससे मुझे सच्ची संतुष्टि मिले।
बिजनेस शुरू करने की मुश्किलें
मैंने 23 साल की उम्र में अपनी जॉब छोड़कर अपना बिजनेस शुरू करने का निर्णय लिया। मेरा पहला आइडिया था एक लग्जरी ब्रांड बनाने का और इसे ई-कॉमर्स के माध्यम से कंज्यूमर्स तक पहुंचाना। इसके लिए हमें फंडिंग की आवश्यकता थी, और मैंने और मेरे कोफाउंडर ने कई निवेशकों के पास जाकर अपना आइडिया पिच किया। लेकिन निवेशक हमें गंभीरता से नहीं ले रहे थे। उनका सवाल था – "तुम्हारा क्या अनुभव है इस इंडस्ट्री में?"
हमने शुरुआत में एक सर्विस कंपनी के रूप में काम किया, जो बैकग्राउंड वेरिफिकेशन जैसी सेवाएं देती थी। लेकिन यह बिजनेस जल्दी नहीं बढ़ रहा था क्योंकि हमारे पास अनुभव नहीं था। फिर मैंने यह महसूस किया कि इस रास्ते से हमें वो सफलता नहीं मिल सकती, जो हम चाहते थे।
ब्यूटी एंड पर्सनल केयर: नया अवसर और सफलता
एक दिन मुझे और मेरे पति को ब्यूटी और पर्सनल केयर की इंडस्ट्री में एक बड़ा अवसर नजर आया। उस समय, भारत में लोग ऑनलाइन ब्यूटी प्रोडक्ट्स खरीदने में रुचि नहीं रखते थे। हमने रिसर्च की और पाया कि युवा महिलाएं मेकअप को आत्मविश्वास और शक्ति महसूस करने के लिए पहनती हैं। इसलिए हमने ऐसा ब्रांड बनाने का निर्णय लिया, जो इन्हीं जरूरतों को पूरा करता हो।
हमने शुगर नामक ब्रांड की शुरुआत की और धीरे-धीरे उसे एक लोकप्रिय ब्रांड बना दिया। हमें पता था कि अगर आप सबसे बेहतरीन प्रोडक्ट बनाते हैं और उसे सही कीमत पर उपलब्ध कराते हैं, तो आपको विज्ञापन पर ज्यादा पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं होती। हमारी रणनीति सफल रही, और आज हमारी कंपनी की वैल्यूएशन 3000 करोड़ रुपये है।
कड़ी मेहनत और निरंतरता का महत्व
मेरी यात्रा में बहुत सारे मुश्किल समय आए, बहुत से निवेशकों से रिजेक्शन मिले, लेकिन मैं निरंतर काम करती रही। मेरा यह मानना है कि सफलता पाने के लिए सिर्फ कड़ी मेहनत ही नहीं, बल्कि सही दिशा में मेहनत करना जरूरी है।
मैं शार्क टैंक इंडिया जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए छोटे से बड़े बिजनेस को मदद देने का प्रयास कर रही हूं। मेरी सलाह है कि आप उस क्षेत्र में कदम रखें जिसमें आपका पैशन हो और जो प्रोडक्ट अभी तक उपलब्ध नहीं है। दूसरा, बड़ा सोचें। छोटे लक्ष्य नहीं, बड़े लक्ष्य रखें। और सबसे महत्वपूर्ण बात, फेलियर से डरो मत। उससे सीखो, सुधारो और फिर से कोशिश करो। यही वह रास्ता है, जो आपको सफलता तक ले जाएगा।
निष्कर्ष
मेरी कहानी यह सिखाती है कि कठिनाइयों और विफलताओं से डरना नहीं चाहिए। यदि आप अपने सपनों के प्रति ईमानदार हैं और उन्हें सच्चे जुनून से हासिल करने के लिए काम करते हैं, तो सफलता निश्चित रूप से मिलेगी।
तो दोस्तो इस ब्लॉग में हमने आपको बताई विनीता सिंह की सफलता की कहानी (Success Story Of Vineeta Singh) आपको कहानी किसी लगी हमे जरूर बताए धन्यवाद।