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Kangna Ranaut Mumbai Court |
कंगना रनौत को कोर्ट की आखिरी चेतावनी: मानहानि मामले में गैर-जमानती वारंट की तैयारी
मुंबई की एक अदालत ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख्तर के बीच चल रहे लंबे विवाद में नया आदेश दिया है। अदालत ने कंगना को सुनवाई में पेश होने के लिए अंतिम अवसर प्रदान किया है। यदि वह अगली सुनवाई में उपस्थित नहीं होती हैं, तो उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जा सकता है। यह मामला 2020 में शुरू हुआ था, जब कंगना ने जावेद अख्तर के साथ 2016 में हुई एक बैठक के बारे में विवादास्पद बयान दिया था।
कंगना की अनुपस्थिति और अदालत की सख्ती
मंगलवार को इस विवाद को सुलझाने के लिए अदालत में एक महत्वपूर्ण सुनवाई आयोजित की गई थी। हालांकि, कंगना रनौत इस सुनवाई में शामिल नहीं हो सकीं। उनके वकील रिजवान सिद्दीकी ने अदालत को सूचित किया कि कंगना अपने व्यस्त कार्यक्रम और अन्य पेशेवर प्रतिबद्धताओं के कारण अदालत में हाज़िर नहीं हो सकीं।
दूसरी ओर, जावेद अख्तर के वकील जेके भारद्वाज ने कंगना की लगातार अनुपस्थिति पर आपत्ति जताई। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि कंगना की इस व्यवहार को देखते हुए उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जाए। भारद्वाज ने यह भी तर्क दिया कि कंगना ने लगभग 40 महत्वपूर्ण सुनवाई तिथियों पर अनुपस्थित रहकर मामले को अनावश्यक रूप से खींचा है।
अदालत ने इस बात पर नाराजगी जताई कि कंगना बार-बार अदालत के निर्देशों का पालन नहीं कर रही हैं। हालांकि, अदालत ने कंगना को एक आखिरी मौका देने का निर्णय लिया। उनके वकील को आदेश दिया गया है कि वह अदालत में अनुपस्थिति के लिए उचित जवाब दाखिल करें।
विवाद की पृष्ठभूमि
यह विवाद 2020 में तब शुरू हुआ जब कंगना रनौत ने एक टेलीविज़न इंटरव्यू में 2016 में जावेद अख्तर के साथ हुई एक बैठक के बारे में कुछ विवादास्पद बातें कही थीं। कंगना ने दावा किया था कि उस बैठक में उन्हें कुछ अनुचित दबाव का सामना करना पड़ा था। उनके इन बयानों से जावेद अख्तर ने कड़ी आपत्ति जताई और उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया।
जावेद अख्तर ने अपने मामले में आरोप लगाया कि कंगना के इन बयानों से उनकी प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए और कंगना को उनके झूठे बयानों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए।
कंगना का प्रतिवाद और कानूनी लड़ाई
कंगना रनौत ने जावेद अख्तर पर प्रतिवाद दायर करते हुए आरोप लगाया कि वह उन पर माफी मांगने के लिए दबाव डाल रहे थे। कंगना ने दावा किया कि जावेद अख्तर ने उनके ऊपर अनुचित प्रभाव डालने का प्रयास किया। इस कानूनी लड़ाई ने न केवल दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ाया है, बल्कि इसे सार्वजनिक और मीडिया में व्यापक रूप से चर्चा का विषय बना दिया है।
नई समस्याएं
दिसंबर 2024 में, अदालत ने दोनों पक्षों को विवाद सुलझाने के लिए मध्यस्थता का प्रयास करने का सुझाव दिया था। इसके बाद दोनों पक्षों ने इस पर सहमति जताई थी। हालांकि, मंगलवार को निर्धारित मध्यस्थता सत्र भी कंगना की अनुपस्थिति के कारण पूरा नहीं हो सका। यह अदालत के निर्देशों का पालन न करने का एक और उदाहरण है।
मध्यस्थता का उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच समझौता करना था ताकि यह कानूनी लड़ाई समाप्त हो सके। लेकिन कंगना की अनुपस्थिति ने इस प्रक्रिया में और देरी कर दी है।
अदालत की चेतावनी और भविष्य की संभावनाएं
अब अदालत ने कंगना रनौत को अगली सुनवाई में पेश होने के लिए अंतिम चेतावनी दी है। यदि वह अदालत में उपस्थित नहीं होती हैं, तो अदालत उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर सकती है। यह कानूनी लड़ाई पहले ही काफी लंबी खिंच चुकी है, और दोनों पक्ष इसे समाप्त करने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं।
कानूनी लड़ाई का व्यापक असर
यह मामला सिर्फ कंगना रनौत और जावेद अख्तर के बीच का व्यक्तिगत विवाद नहीं रह गया है। इसने बॉलीवुड में व्यक्तियों के बीच कानूनी लड़ाइयों और उनके असर को उजागर किया है। यह विवाद न केवल अदालतों में समय की बर्बादी का कारण बन रहा है, बल्कि इससे जुड़े व्यक्तियों की छवि पर भी असर डाल रहा है।
निष्कर्ष
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कंगना रनौत अदालत के आदेश का पालन करती हैं या नहीं। यदि वह अनुपस्थित रहती हैं, तो अदालत उनके खिलाफ सख्त कदम उठा सकती है। यह कानूनी लड़ाई एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, और इसका अंतिम परिणाम न केवल कंगना और जावेद अख्तर के लिए, बल्कि बॉलीवुड के कानूनी और सामाजिक परिदृश्य के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है।