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मनीष शर्मा की करोड़पति बनने की कहानी |
मनीष शर्मा की करोड़पति बनने की कहानी
हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के एक छोटे से गांव में जन्मे मनीष शर्मा की कहानी संघर्ष, मेहनत और सफलता की मिसाल है। एक मिडिल क्लास परिवार में जन्मे मनीष ने अपनी जिद, मेहनत और सही मानसिकता के बलबूते करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। आइए जानते हैं उनकी पूरी कहानी।
बचपन और शुरुआती संघर्ष
मनीष का बचपन गांव के सरकारी स्कूल और हिंदी माध्यम में पढ़ाई करते हुए बीता। आर्थिक तंगी का आलम यह था कि उनके पास स्कूल के जूते तक खरीदने के पैसे नहीं होते थे। पढ़ाई के दौरान उन्हें टीवी देखने के लिए पड़ोसियों के घर जाना पड़ता था।
12वीं के बाद मनीष का सपना आईआईटी करने का था। इसके लिए वे दिल्ली चले गए लेकिन दुर्भाग्यवश आईआईटी में चयन नहीं हुआ। बाद में उन्होंने दीनबंधु छोटूराम यूनिवर्सिटी, सोनीपत में कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया। हालांकि, बीटेक के दौरान भी उन्हें स्टॉक मार्केट का कोई ज्ञान नहीं था।
मुंबई में शुरुआत
2017 में बीटेक पूरा करने के बाद मनीष ने मुंबई का रुख किया। उनके मामा ने उन्हें एक ब्रोकिंग फर्म में नौकरी दिलवाई। शुरुआत में उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया लेकिन ब्रोकिंग फर्म में लोगों को ट्रेडिंग करते देख उनका रुझान स्टॉक मार्केट की ओर बढ़ा।
उन्होंने नौकरी छोड़कर ट्रेडिंग की शुरुआत की। शुरुआती दिनों में उन्होंने इक्विटी और फ्यूचर ट्रेडिंग की लेकिन लगातार तीन साल (2017-2020) तक कोई खास सफलता नहीं मिली।
संघर्ष का दौर
2017 से 2020 तक का समय मनीष के लिए सबसे कठिन रहा। उस समय वे आर्थिक संकट, पारिवारिक दबाव और आत्म-संदेह से जूझ रहे थे। यहां तक कि अपने परिवार की आर्थिक मदद करने में भी वे असमर्थ थे।
2020 में मनीष ने विकल्प (ऑप्शन) ट्रेडिंग में कदम रखा। उन्होंने अपने पास बचे हुए ₹3 लाख को मार्जिन के तौर पर इस्तेमाल किया और ऑप्शन सेलिंग शुरू की। यहीं से उनकी असली यात्रा शुरू हुई।
ऑप्शन ट्रेडिंग से सफलता
मनीष का मानना है कि ट्रेडिंग में तकनीकी चार्ट्स और रणनीतियों से ज्यादा मानसिकता, अनुशासन और जोखिम प्रबंधन का महत्व है। उन्होंने ऑप्शन बाइंग के बजाय ऑप्शन सेलिंग को चुना और नॉन-डायरेक्शनल ट्रेडिंग की ओर रुख किया।
2020 में उन्होंने ₹3 लाख से शुरुआत की और पहले साल में ₹40 लाख कमाए। इसके बाद, उन्होंने अपनी टीम बनानी शुरू की और अगले कुछ वर्षों में करोड़ों की संपत्ति अर्जित की।
महत्वपूर्ण सीखें
1. डायरेक्शनल ट्रेडिंग से बचें: मनीष का मानना है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में बाजार का दिशा निर्धारण करना लगभग असंभव है।
2. जोखिम प्रबंधन: अपने पैसे को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें और एक दिन में एक निश्चित राशि से अधिक जोखिम न लें।
3. सही मानसिकता: ट्रेडिंग में धैर्य, अनुशासन और सही निर्णय महत्वपूर्ण हैं।
4. फेक विज्ञापनों से बचें: कार, घड़ी या महंगी लाइफस्टाइल दिखाने वालों के पीछे न भागें।
5. टिप्स और न्यूज से दूरी: मनीष का कहना है कि टिप्स, न्यूजपेपर और मीडिया पर भरोसा करने से बचें।
निष्कर्ष
मनीष शर्मा की कहानी यह सिखाती है कि स्टॉक मार्केट में सफलता हासिल करना आसान नहीं है। यह एक लंबी और कठिन यात्रा है जिसमें धैर्य, अनुशासन और सही निर्णय का होना बेहद जरूरी है।