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Ritu Insan Success Story |
आज हम आपको आपको बताएंगे Ritu Insan की संघर्षभरी कहानी के बारे में जो सिलाई मशीन की मदद से लाखों रुपए कमाती है। Ritu Insan की कहानी एक सशक्त प्रेरणा है जो यह साबित करती है कि मुश्किलों के बावजूद अगर इरादा मजबूत हो, तो सफलता जरूर मिलती है। हरियाणा के एक छोटे से गांव से शुरू होकर, रीतू ने अपनी मेहनत और कड़ी मेहनत से न केवल अपनी जिंदगी बदल दी, बल्कि हजारों लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने का रास्ता भी दिखाया। इस ब्लॉग पोस्ट में हम उनकी प्रेरणादायक यात्रा के बारे में जानेंगे, जिसमें उन्होंने गरीबी और चुनौतियों के बावजूद सिलाई के काम से एक बड़ा बिजनेस खड़ा किया और अपनी मेहनत से लाखों रुपयों की कमाई की। आइए जानते हैं कि कैसे एक छोटे से सपने ने रीतू को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
Ritu Insan: जैसे ही मेरी प्लस टू कंप्लीट हुई, एक अच्छे घर से रिश्ता आ गया। यह मेरे लिए एक बहुत बड़ी बात थी, क्योंकि मैं जानती थी कि अब मेरे जीवन में एक नया मोड़ आने वाला था। परिवार वाले खुश थे, लेकिन मैं थोड़ी उलझन में थी, क्योंकि मैं जानती थी कि मेरे परिवार के पास इतनी दौलत नहीं थी कि वे मुझे शादी में दहेज दे पाएं। मैंने एक बार फिर अपनी इच्छा स्पष्ट की और कहा कि मुझे सिर्फ एक सिलाई मशीन चाहिए, ताकि मैं खुद अपना काम शुरू कर सकूं। उस समय मेरे हाथों की मेहंदी भी नहीं उतरी थी, लेकिन मैं अपनी जर्नी शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार थी।
यह सब कुछ चल रहा था कि तभी मुझे एक बहुत बड़ा झटका लगा। यह झटका मेरे लिए सबसे बड़ा था। उस समय मेरी पहचान ‘टैलेंटेड रीत इंसा’ के नाम से होने लगी थी, जो कि हरियाणा के भिवानी जिले से हैं। आप सोच रहे होंगे कि यह नाम क्यों है, तो मैं आपको बताती हूं कि यह नाम कैसे पड़ा और कैसे एक छोटे से गांव की लड़की ने, जिसके पास 10 रुपये भी नहीं थे, आज 30 से 40 लाख रुपये का महीना कमाने वाला बिजनेस खड़ा कर दिया।
Ritu Insan: मेरा जन्म हरियाणा के रोहतक जिले के एक छोटे से गांव बहनी सुरजन में हुआ था। मेरे पापा का नाम जयकिशन था और मां का नाम विमला था। हमारे परिवार में पांच भाई-बहन हैं, जिसमें चार बहनें और एक छोटा भाई है। मेरे पापा 1984 के ग्रेजुएट थे, लेकिन किसी कारणवश उनकी सरकारी नौकरी नहीं लग पाई और इस कारण से हमें गरीबी का सामना करना पड़ा। हम बहुत संघर्ष करते हुए बड़े हुए। हमारे पास केवल एक किल्ली जमीन थी, जिससे हमारा खर्चा चलता था। लेकिन फिर भी, मेरे पापा और मां का सपना था कि वे हमें अच्छे से पढ़ाएं, क्योंकि उनका मानना था कि अगर हमारी जिंदगी में कोई बदलाव आ सकता है, तो वह केवल शिक्षा से ही हो सकता है।
मेरे पापा ने हमें हमेशा यही सिखाया कि शिक्षा ही हमारे जीवन का सबसे बड़ा हथियार है। पांचवीं तक, मैं गांव के स्कूल में पढ़ाई करती रही। फिर एक साल के लिए मैं नानी के घर चली गई। मेरी नानी बहुत मेहनती महिला थीं, जो दिनभर सूट सिलाई और दरिया बनाने का काम करती थीं। मेरी नानी के घर में सभी लोग सिलाई करते थे, सिवाय मेरी मां के। मेरी मां अक्सर कहा करती थीं, “काश मैं भी सिलाई सीख लेती, तो हमें इतनी गरीबी का सामना नहीं करना पड़ता।”
यहां मेरी जर्नी की शुरुआत हुई। नानी मुझे पास बैठा कर कहानियां सुनाती थीं, लेकिन धीरे-धीरे मुझे सिलाई के बारे में भी समझने का मौका मिला। मैं जितना भी समझ पाती, मैं देखती कि मेरी नानी रातभर काम करती थीं, लेकिन मुझे सिलाई के बारे में तब ज्यादा जानकारी नहीं थी।
एक साल बाद जब मैं वापस गांव लौटी, तो फिर से मुझे उसी स्कूल में पढ़ाई के लिए भेजा गया। हालांकि, इस दौरान एक हादसा हुआ जो मेरे जीवन पर हमेशा के लिए छाप छोड़ गया। हमारे घर में एक फ्रिज लाया गया था, लेकिन बिजली चली गई थी और घर में अंधेरा था। मैंने मोमबत्ती जलाकर फ्रिज के ऊपर रख दी। जब मेरी मां ने मुझे रोका, तो मैंने कहा, "मां, मैं बाद में इसे बुझा दूंगी," लेकिन रात में कब आंख लग गई, यह मुझे पता नहीं चला। मोमबत्ती पूरी पिघलकर फ्रिज में बह गई, जिससे वह जल गया।
इस हादसे ने मेरी मां को मेरे बचाव में आकर कहा कि यह उनका किया हुआ था, ताकि मुझे डांट न पड़े। यह मुझे बहुत गहरा असर किया और मैंने ठान लिया कि मुझे कुछ करना है। मैंने सोचा कि मुझे इस फ्रिज के पैसे किसी भी हालत में पूरे करने हैं।
पढ़ाई खत्म होने के बाद, मुझे शादी का प्रस्ताव आया। घरवालों ने मनाया, लेकिन मैंने इसे ठुकरा दिया क्योंकि मुझे तो पढ़ाई करनी थी और खुद को साबित करना था। शादी और परिवार की जिम्मेदारियों के बारे में मैंने कभी सोचा ही नहीं था। लेकिन फिर मेरी बहन ने समझाया कि शायद मेरे सपने शादी के बाद भी पूरे हो सकते हैं। इस पर मैंने अपनी एक शर्त रखी कि मुझे दहेज की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन सिलाई मशीन चाहिए, क्योंकि मेरा मन किसी भी कीमत पर कामयाब होना चाहता था।
शादी के बाद ससुराल में मुझे अच्छा माहौल मिला, लेकिन मेरे सपने कभी नहीं रुके। मैंने तुरंत सिलाई शुरू कर दी और धीरे-धीरे काम मिलने लगा। फिर मुझे एक आइडिया आया कि मैं लोगों के सूट सिलने के लिए घर से बाहर जाकर काम करूंगी।
हालांकि, एक समय ऐसा आया जब एक स्थानीय टेलर ने मुझे पूरी तरह से निराश कर दिया। उसने मेरी सिलाई में खामियां निकाल दीं, जो मेरे लिए एक बड़ा झटका था। लेकिन इस बात ने मुझे और भी प्रेरित किया। मैंने ठान लिया कि मुझे अपनी मेहनत से कुछ बड़ा करना है।
मैंने धीरे-धीरे सूटों के डिज़ाइन और स्टाइलिंग में खुद को अपडेट किया। लोगों ने मेरी सिलाई की तारीफ की और धीरे-धीरे मेरा काम बढ़ने लगा। इसके बाद, मैंने लड़कियों को सिलाई सिखाना शुरू किया और फिर मेरा नाम चारों ओर फैलने लगा। मेरी मेहनत के फलस्वरूप मेरे पास कई क्लाइंट आने लगे, लेकिन फिर भी मेरा दिल नहीं भरता था। मुझे कुछ और बड़ा करना था।
Ritu Insaan Struggle Story: मुझे कुछ साल बाद एहसास हुआ कि अब मुझे ऑनलाइन दुनिया में कदम रखना होगा। मेरे पास फोन नहीं था, लेकिन मैंने अपने भाई से फोन मांगा और उसकी मदद से मैंने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालने शुरू किए। धीरे-धीरे मेरे वीडियो वायरल होने लगे और मेरी फॉलोइंग बढ़ने लगी।
अब मैं एक बड़े इंस्टिट्यूट के रूप में काम कर रही हूं, जहां हजारों बच्चे सिलाई सीखने आते हैं। मेरी कहानी बहुत सारी लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गई है, और आज मैं अपनी कड़ी मेहनत से महीने में लाखों रुपए कमाती हूं। मेरी पहली कमाई का एक हिस्सा मैंने अपनी मां और सास को दिया, क्योंकि वे मेरे लिए भगवान की तरह हैं।
आज मैं गर्व से कह सकती हूं कि मैंने सिर्फ अपनी मेहनत से ही 30 से 40 लाख रुपये महीने का कारोबार खड़ा किया है। मैं आज भी अपने पापा के सपने को पूरा करने के लिए काम कर रही हूं, हालांकि वे अब हमारे बीच नहीं हैं। मेरे मन में यह ख्याल आता है कि एक दिन पापा के मुंह से यह शब्द सुनना चाहती हूं कि “मेरी बेटी ने मेरा नाम रोशन किया।”
अब मैं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से लोगों को सिखाती हूं। अब मेरे पास हजारों स्टूडेंट्स हैं और उनका जीवन बदल रहा है। मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी यह है कि आज मैं लाखों लड़कियों को आत्मनिर्भर बना रही हूं, और उनकी मदद से मैं खुद को और अपने परिवार को सम्मानित कर रही हूं।
मैं उन सभी लड़कियों से यह कहना चाहूंगी, जो यह सोचती हैं कि वे घर बैठी नहीं कुछ कर सकतीं, कि अगर मैं कर सकती हूं, तो आप भी कर सकती हैं। शुरुआती मुश्किलें आती हैं, लेकिन मेहनत और दृढ़ संकल्प से आप भी सफलता पा सकती हैं।